तेरे साथ कुछ पल गुज़ारने को मिलें,
खुशी से गम का दरिया छोड़ चला आऊंगा,
ग़मों की ग़ुरबत को अलविदा कह के,
तेरे हुकूमत को रहने चला आऊंगा,
हर वक्त तेरी याद से थक चुका हूँ,
बस अब तुझे ख़्वाबों में बुला लाऊंगा,
भिखारी की तरह तेरे दर पे खड़ा हूँ,
क्या मोहब्बत की खैरात भला पाउँगा,
खुशनसीबी होगी गर तेरा एहसास मिले,
वरना तेरी यादों संग अस्मसान चला जाऊंगा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें