18 फ़रवरी 2010

बेवजह सब लोग जाने मौत से डरते है क्यों

मौत मेरी हादसा या खु्दकशी हरगिज नहीं

कत्ल है बस आपको कातिल नजर आता नहीं

इस तरह से यार मेरा, कत्ल मेरा कर गया

यू लगा जैसे मै अपनी आयी मौत मर गया

बेवजह सब लोग जाने मौत से डरते है क्यों

मै तो अपनी जिन्दगी का चेहरा देख के डर गया

सांसो के सिवा जिन्दगी ने जिन्दगी भर क्या दिया

लो आज़ उसका ये भी कर्ज़ हमने वापिस कर दिया

दूजो का दर्द बाँटने की ये भी क्या आदत हुई

इक इक कर झोली में अपनी दर्द ही दर्द भर लिया

कशमक्श मे यार को देखा तो हमने ये किया

खुद ही अपना सर खन्जर पे जाके धर दिया

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