18 फ़रवरी 2010

जाते जाते मेरा आखिरी सलाम तू ले जा

क्या मिला मुझे दुनिया में अपने होने के बाद,
अश्कों ने साथ छोड़ दिया हर पल रोने के बाद,
किया करते थे गुमां जिनकी दोस्तियों पे हम,
न रहे वो भी अपने सब कुछ खोने के बाद,
अब क्यों मैं हर पल हँसता हूँ रोने का बाद,
क्या जीना फिर भी पड़ता है खोने के बाद,
जाते जाते मेरा आखिरी सलाम तू ले जा,
शायद फिर न उठ पाऊँ रात सोने के बाद

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