19 फ़रवरी 2010

शायरी

किसी दिन तेरी नजरों से दूर हो जायेंगे हम,

दूर फिजाओं में कहीं खो जायेंगे हम।

मेरी यादों से लिपट के रोने आओगे तुम,

तब ज़मीन को ओढ़ के सो जायेंगे हम…

मेरी बर्बादी पर तू कोई मलाल ना करना,

भूल जाना मेरा ख्याल ना करना,

हम तेरी खुशी के लिए कफ़न ओढ़ लेंगे,

पर तू मेरी लाश से कोई सवाल ना करना…॥

नज़रों को नज़रों की कमी नहीं होती,

फूलों को बहारों की कमी नहीं होती,

फिर क्यूँ हमें याद करोगे आप,

आप तो आसमान हो और आसमान को सितारों की कमी नहीं होती।

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